भगवान् शनि देव की जय!
रवि सूत जय छाया के नंदन
महाबली तुम असुर निकंदन
विमल मंद रोद्र शनि नामा
करो भगत के पूरण कामा
जो जन तुमको ध्यान लगावे - मन वांछित फल आतुर पावे
जा पर कृपा आप की होई - जो फल चाहे मिलिये सोई
साचे देव आपही स्वामी - घट घट वासी अंतर्यामी
दसा आप की सब पर आवे - फल शुभ अशुभ हाल दिखलावे
तीनो लोक तुम्हे सर न्यावे - ब्रह्मा विष्णु महेश मनावे
दयाल होत है करहु निहाला - टेढि दृष्टि है कठिन कराला
जय जय जय शनि देव दयालु _ कृपा दास पर करहू कृपालु
जयति जयति रवि तनय
प्रभु सकल हरहु भ्रम शूल
जन की रक्षा कीजिये
सदा रहो अनुकूल
भगवान् शनि देव की जय!
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