Worshipping any deity, involves some steps and procedures. Following are the ones needed for performing Shani Maharaj puja:
भगवान शनिदेव की पूजा करते समय इस मंत्र को पढ़ते हुए उन्हें चन्दन लेपना चाहिए-
भो शनिदेवः चन्दनं दिव्यं गन्धादय सुमनोहरम् |
विलेपन छायात्मजः चन्दनं प्रति गृहयन्ताम् ||
(Recite this mantra, while applying sandalwood/ chandan paste on Shani Maharaj idol:
Bho Shanidevh Chandanam Divyam Gandhaaday Sumanoharam ||
Vilepan Chhayaatmajah Chandanam Prati Grihayantaam || )
भगवान शनिदेव की पूजा करते समय इस मंत्र को पढ़ते हुए उन्हें चन्दन लेपना चाहिए-
भो शनिदेवः चन्दनं दिव्यं गन्धादय सुमनोहरम् |
विलेपन छायात्मजः चन्दनं प्रति गृहयन्ताम् ||
(Recite this mantra, while applying sandalwood/ chandan paste on Shani Maharaj idol:
Bho Shanidevh Chandanam Divyam Gandhaaday Sumanoharam ||
Vilepan Chhayaatmajah Chandanam Prati Grihayantaam || )
भगवान शनिदेव की पूजा में इस मंत्र का जाप करते हुए उन्हें अर्घ्य समर्पण करना चाहिए-
ॐ शनिदेव नमस्तेस्तु गृहाण करूणा कर |
अर्घ्यं च फ़लं सन्युक्तं गन्धमाल्याक्षतै युतम् ||
(Recite this mantra while offering 'arghya'' to Shani maharaj:
ॐ शनिदेव नमस्तेस्तु गृहाण करूणा कर |
अर्घ्यं च फ़लं सन्युक्तं गन्धमाल्याक्षतै युतम् ||
(Recite this mantra while offering 'arghya'' to Shani maharaj:
Om Shanidev Namastestu Grihaan Karunaa Kar |
Arghyam Ch Falam Sanyuktam Gandhmaalyaakshatai Yutam || )
Arghyam Ch Falam Sanyuktam Gandhmaalyaakshatai Yutam || )
इस मंत्र को पढ़ते हुए भगवान श्री शनिदेव को प्रज्वलीत दीप समर्पण करना चाहिए-
साज्यं च वर्तिसन्युक्तं वह्निना योजितं मया |
दीपं गृहाण देवेशं त्रेलोक्य तिमिरा पहम्. भक्त्या दीपं प्रयच्छामि देवाय परमात्मने ||
साज्यं च वर्तिसन्युक्तं वह्निना योजितं मया |
दीपं गृहाण देवेशं त्रेलोक्य तिमिरा पहम्. भक्त्या दीपं प्रयच्छामि देवाय परमात्मने ||
(Offer a lit lamp/ deep to Shani dev while reciting this mantra:
Saajyam ch vartisanyuktam vahninaa yojitam maya |
deepam grihaan devesham trelokya timiraa paham ||)
deepam grihaan devesham trelokya timiraa paham ||)
इस मंत्र को पढ़ते हुए भगवान शनिदेव को यज्ञोपवित समर्पण करना चाहिए और उनके मस्तक पर काला चन्दन (काजल अथवा यज्ञ भस्म) लगाना चाहिए-
परमेश्वरः नर्वाभस्तन्तु भिर्युक्तं त्रिगुनं देवता मयम् |
उप वीतं मया दत्तं गृहाण परमेश्वरः ||
परमेश्वरः नर्वाभस्तन्तु भिर्युक्तं त्रिगुनं देवता मयम् |
उप वीतं मया दत्तं गृहाण परमेश्वरः ||
(Offer the sacred thread to Shani Maharaj while saying the following mantra, and also apply the black sandalwood/ chandan tilak, i.e kajal/kohl or sacred ash/ bhasm, to His forehead-
Parmeshwarah Narvaabhastantu Bhiryuktam Trigunam Devta Mayam |
Up Veetam Maya Dattam Grihaan Parmeshwarah ||)
Parmeshwarah Narvaabhastantu Bhiryuktam Trigunam Devta Mayam |
Up Veetam Maya Dattam Grihaan Parmeshwarah ||)
इस मंत्र को पढ़ते हुए भगवान श्री शनिदेव को पुष्पमाला समर्पण करना चाहिए-
नील कमल सुगन्धीनि माल्यादीनि वै प्रभो |
मयाहृतानि पुष्पाणि गृहयन्तां पूजनाय भो ||
नील कमल सुगन्धीनि माल्यादीनि वै प्रभो |
मयाहृतानि पुष्पाणि गृहयन्तां पूजनाय भो ||
(While offering fresh flowers to Shani Maharaj, say the following-
Neel Kamal Sugandheeni Maalyaadeeni Vai Prabho |
Mayahritaani Pushpaani Grihayantaam Poojanaay Bho ||)
Neel Kamal Sugandheeni Maalyaadeeni Vai Prabho |
Mayahritaani Pushpaani Grihayantaam Poojanaay Bho ||)
भगवान शनि देव की पूजा करते समय इस मंत्र का जाप करते हुए उन्हें वस्त्र समर्पण करना चाहिए-
शनिदेवः शीतवातोष्ण संत्राणं लज्जायां रक्षणं परम् |
देवलंकारणम् वस्त्र भत: शान्ति प्रयच्छ में ||
शनिदेवः शीतवातोष्ण संत्राणं लज्जायां रक्षणं परम् |
देवलंकारणम् वस्त्र भत: शान्ति प्रयच्छ में ||
(Offer a clean piece of cloth to the Lord, while saying this-
Shanidevah Sheetavaatoshna Santraanam Rakshanam Param |
Devlankaaranam Vastra Bhatahah Shatni Prayachchha Men ||)
Shanidevah Sheetavaatoshna Santraanam Rakshanam Param |
Devlankaaranam Vastra Bhatahah Shatni Prayachchha Men ||)
शनि देव की पूजा करते समय इस मंत्र को पढ़ते हुए उन्हें सरसों के तेल से स्नान कराना चाहिए-
भो शनिदेवः सरसों तैल वासित स्निगधता |
हेतु तुभ्यं-प्रतिगृहयन्ताम् ||
भो शनिदेवः सरसों तैल वासित स्निगधता |
हेतु तुभ्यं-प्रतिगृहयन्ताम् ||
(Recite the following , while bathing the Lrd with mustard oil-
Bho Shanidevah Sarso Tail Vaasit Snigadhataa |
Hetu Tubhyam-Pratigrihayantaam ||)
Bho Shanidevah Sarso Tail Vaasit Snigadhataa |
Hetu Tubhyam-Pratigrihayantaam ||)
सूर्यदेव पुत्र भगवान श्री शनिदेव की पूजा करते समय इस मंत्र का जाप करते हुए पाद्य जल अर्पण करना चाहिए-
ॐ सर्वतीर्थ समूदभूतं पाद्यं गन्धदिभिर्युतम् |
अनिष्ट हर्त्ता गृहाणेदं भगवन शनि देवताः ||
ॐ सर्वतीर्थ समूदभूतं पाद्यं गन्धदिभिर्युतम् |
अनिष्ट हर्त्ता गृहाणेदं भगवन शनि देवताः ||
(Offer padya jal while reciting this mantra-
Om Sarvtirth Samoodabhootam Padyam Gandhdibhiryutam |
Anisht Hartta Grihanedam Bhagvan Shani Devtaah ||)
Om Sarvtirth Samoodabhootam Padyam Gandhdibhiryutam |
Anisht Hartta Grihanedam Bhagvan Shani Devtaah ||)
भगवान शनिदेव की पूजा में इस मंत्र को पढ़ते हुए उन्हें आसन समर्पण करना चाहिए-
ॐ विचित्र रत्न खचित दिव्यास्तरण संयुक्तम् |
स्वर्ण सिंहासन चारू गृहीष्व शनिदेव पूजितः ||
ॐ विचित्र रत्न खचित दिव्यास्तरण संयुक्तम् |
स्वर्ण सिंहासन चारू गृहीष्व शनिदेव पूजितः ||
(Offer the aasan while reciting this -
Om Vichitra Ratna Khachit Devyaastaran Sanyuktam |
Swarn Singhasan Chaaru Griheeshv Shanidev Poojitah ||)
Swarn Singhasan Chaaru Griheeshv Shanidev Poojitah ||)
इस मंत्र के द्वारा भगवान श्री शनिदेव का आवाहन करना चाहिए-
नीलाम्बरः शूलधरः किरीटी गृध्रस्थित स्त्रस्करो धनुष्टमान् |
चतुर्भुजः सूर्य सुतः प्रशान्तः सदास्तु मह्यां वरदोल्पगामी ||
नीलाम्बरः शूलधरः किरीटी गृध्रस्थित स्त्रस्करो धनुष्टमान् |
चतुर्भुजः सूर्य सुतः प्रशान्तः सदास्तु मह्यां वरदोल्पगामी ||
Recite this mantra for aawaahan/ inviting of Shani Maharaj-
Neelambarah Shooldharah Kireetee Gridhrasthit Straskaro Dhanushtamaan |
Chaturbhujah Surya Sutah Prashantah Sadastu Mahyaam Vardolpagaamee ||
Neelambarah Shooldharah Kireetee Gridhrasthit Straskaro Dhanushtamaan |
Chaturbhujah Surya Sutah Prashantah Sadastu Mahyaam Vardolpagaamee ||
Jai ho Shani Maharaj ki, jai!
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